Intraday Trading kya hoti hai?
पूरी जानकारी हिंदी में (2025)
आज के समय में शेयर मार्केट लोगों के लिए पैसा कमाने का बेहतरीन विकल्प बनकर सामने आया है। जब भी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की बात आती है, तो एक शब्द ऐसा है जो हमेशा सुनने को मिलता है और वह है इंट्राडे ट्रेडिंग। जो लोग शेयर मार्केट में नए होते हैं या जिन्होंने हाल फिलहाल में ही इस क्षेत्र में कदम रखा होता है उनके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग शब्द थोड़ा नया और डरावना हो सकता है। अगर आपने अभी-अभी इस क्षेत्र में कदम रखा है तो आपको घबराने कि कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम इस लेख के माध्यम से आपको बिलकुल सरल भाषा में इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है? और कैसे काम करती है, इसके फायदे और नुकसान क्या है इसमें कैसे पैसा लगाया और मुनाफा कमाया जा सकता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग अंग्रेजी भाषा का शब्द है इसे हिंदी में 'अंतरदिवसीय व्यापार' कहते हैं। एक ही दिन में शेयर को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए अगर आपने सुबह कोई शेयर खरीदा और शाम को उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले बेच दिया तो यह प्रक्रिया इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाती है। इस तरीके को वही लोग अपनाते हैं जो कम समय में तेजी से पैसा कमाना चाहते हैं, लेकिन यह तरीका जितना तेज है उतना ही जोखिम भरा भी है। इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको बाजार कि चाल को बहुत ही ध्यान से समझाना होता है, क्योंकि अगर आपका ध्यान बाजार से हटा तो आपका नुकसान होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
मान लीजिए अपने सुबह 10:00 किसी कंपनी का शेयर ₹100 में खरीदा और 2:00 तक वही शेयर 105 रुपए तक पहुंच गया। आपने उस शेयर को बेच दिया तो आपको हर शेयर पर ₹5 का मुनाफा हुआ। लेकिन अगर उस शेयर की कीमत ₹100 से घटकर 95 रुपए हो जाती है और अगर आपने उस शेयर को बेच दिया तो तो आपको हर शेयर पर ₹5 का नुकसान हो सकता है। इसलिए शेयर मार्केट की दुनिया में इंट्राडे ट्रेडिंग को तेज के साथ-साथ जोखिम भरा भी माना जाता है ।
चलिए, अब जानते हैं कि यह काम कैसे करता है? यह मुख्यतः तकनीकी विश्लेषण यानी टेक्निकल एनालिसिस पर आधारित होता है। इसमें इंट्राडे ट्रेडिंग चार्ट, संकेतक और पेटर्न्स का उपयोग किया जाता है, ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि किसी शेर के दाम ऊपर जाने वाले हैं या नीचे। इसमें मुख्यतः Moving patterns,Bollinger Bands,RSI,MACD इत्यादि जैसे टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है।इन टूल्स कि सहायता से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किसी शेयर को कब खरीदना और कब बेचना है।इसके अलावा इंट्राडे ट्रेडिंग में मार्केट न्यूज़ और सेंटीमेंट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी अच्छी कंपनी की रिपोर्ट, सरकार की नीति, किसी सेक्टर से जुड़ी ताजा खबर यह सभी शेयर मार्केट की दुनिया में इंट्राडे ट्रेडिंग पर सीधा प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के तौर पर किसी देश किसी या राज्य कि सरकार कोई नई बिजली नीति लागू करती है तो बिजली से जुड़े हुए शेयरों के दाम अचानक से ऊपर या नीचे जा सकते हैं। और अगर आपने सही समय पर सही शेयर खरीद लिए हैं तो आपको मुनाफा भी मिल सकता है ।
यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, तो को सबसे पहले एक ट्रेडिंग और एक डीमैट अकाउंट खोलने की आवश्यकता होगी। आज के समय में मुख्यतः UPSTOX, ANGEL ONE, GROWN और ZERODHA जैसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स हैं, जो नए निवेशकों को आसानी से खाता खोलने की सुविधा प्रदान करते हैं। खाता खोलने के बाद आपको अपने खाते में कुछ पैसे डालने पड़ेंगे। फिर आप आसानी से मार्केट में ट्रेडिंग कर पाएंगे। जब भी आप ट्रेंडिंग करें तो आपको इस बात का ध्यान रखना है, कि शेयर खरीदते समय 'Intraday' का ऑप्शन चुनना है। अगर आपने 'Delivery' चुना है तो वह Intraday नहीं कहलाएगा।
जब भी आप इंट्राडे ट्रेडिंग करें तो आपको कुछ बातों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। जिसमें पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात है "स्टॉप लॉस "। स्टॉप लॉस का मतलब होता है कि आप पहले से यह तय कर ले की अगर किसी कंपनी के शेयर नीचे गिरने लगे तो आपको किन कीमतों पर उन शेयरों को बेच देना है ताकि आपको ज्यादा नुकसान ना हो।
कई बार निवेशक यह सोचते हैं कि यदि शेयर के दाम अभी गिरे हैं, तो ऊपर अवश्य आएंगे यह सोचकर वे स्टॉप लॉस नहीं लगाते हैं जिससे उनका बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। वे निवेशक जो इस क्षेत्र में पुराने या प्रोफेशनल होते हैं वह हमेशा एक रणनीति के साथ ट्रेड करते हैं साथी वे पहले ही ट्रेड में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट तय कर लेते हैं। इस क्षेत्र में दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात है "कैपिटल मैनेजमेंट" इंट्राडे ट्रेडिंग में लालच निवेशकों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। ट्रेंड को निवेश करने से पहले यह तय कर लेना चाहिए कि उसे कल पैसों का कितना प्रतिशत रिस्क पर लगाना है। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आपके पास केवल ₹10000 हैं तो आपको केवल ₹2000 से ₹3000 से ही ट्रेड करना चाहिए। निवेदक को कभी भी अपने पूरे पैसे केवल एक ही शेयर में नहीं लगाने चाहिए। ऐसा करने से यदि आपका नुकसान हो भी जाता है तो आपको दूसरा ट्रेड करने का मौका मिलता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसा कमाना केवल किस्मत पर ही निर्भर नहीं करता बल्कि इसमें सफलता पाने के लिए अनुभव और मनोविज्ञान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कई बार शेयर मार्केट में काफी तेजी होती है जिससे निवेशक यह सोचने लगते हैं कि आज उन्हें बहुत मुनाफा होगा लेकिन ज्यादा ट्रेड करने से वही दिन निवेशकों के लिए घाटे का दिन भी बन सकता हैं। इसलिए ट्रेडिंग करते समय दिमाग का शांत होना आवश्यक होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे:
• अगर इसमें सही समय पर सही ट्रेड लिया जाए तो कुछ ही घंटे में मुनाफा कमाया जा सकता है।
• हर दिन मार्केट में नए ट्रेड और अवसर होते हैं जिससे तेजी से कमाई की जा सकती है।
• मैं ब्रोकरेज फॉर्म्स आपको आपके पैसे पर 5 से 20 गुना तक के मार्जिन देती, जिसे आप ज्यादा शेयर्स खरीद सकते हैं।
• यहां आपको दिन के अंत में किसी शेयर को होल्ड करके नहीं करना होता जिससे ओवरनाइट का रिस्क कम हो जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान:
• यदि आप गलती से कोई गलत ट्रेड ले लेते हैं तो आपका पूरा पैसा डूब सकता है।
• इसमें हर सेकंड मार्केट पर नजर बनाए रखना पड़ता है जिससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
• कई बार निवेदक नुकसान के बाद दोबारा ट्रेड करते हैं ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके, लेकिन यह आदत और नुकसान कर सकती है।
• इंट्राडे ट्रेडिंग में हर ब्रोकरेज पर GST, SITऔर SEBI fees जैसी चार्जेज लग जाते है जिससे मुनाफा कम हो जाता है।
निष्कर्ष:
इस लेख के माध्यम से हमने जाना की इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है? कैसे काम करती है और इसके फायदे तथा नुकसान क्या है। शेयर मार्केट की दुनिया में पैसा कमाना सिर्फ किस्मत पर ही निर्भर नहीं करता इसमें पैसा कमाने और सफलता प्राप्त करने के लिए आपको सही रणनीति और धैर्य के साथ आगे बढ़ना पड़ता है। बिना रणनीति के जो नए निवेशक इसमें उतरते हैं और जल्दबाजी करते हैं उन्हें कई बार नुकसान का सामना करना पड़ता है इसीलिए आप जब भी इस क्षेत्र में कदम रखे तो इससे पहले आप इसके विषय में पूरी जानकारी प्राप्त कर ले और इससे अच्छे से समझ ले ताकि आप इसमें लाभ प्राप्त कर सके और आपको ज्यादा हानि ना हो।
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